सहजनवां — दोहरीघाट नई रेल लाइन: भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू
प्रकाशित: 1 सितंबर 2025 • लेखक: Gorakhpur News Desk
गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे की रणनीतिक पहल के तहत सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। प्रस्तावित रूट की कुल लंबाई लगभग 81.17 किलोमीटर बताई जा रही है और इसका उद्देश्य ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी और आर्थिक अवसर प्रदान करना है।
परियोजना का प्रमुख सार
- कुल लंबाई: ~81.17 किमी
- स्टेशन: 12 प्रस्तावित स्टेशन
- पुल: 11 बड़े और 47 छोटे पुल
- रूट: गोला तहसील के लगभग 47 गांव
प्रस्तावित स्टेशनों की सूची
- सहजनवां
- पिपरौली
- खजनी
- उनवल
- बैदौली
- बांसगांव
- उरुवा बाजार
- बनवारपार
- गोला बाजार
- भरौली
- बड़हलगंज
- न्यू दोहरीघाट
भूमि अधिग्रहण — क्या उम्मीद रखें
रेलवे विभाग ने भूमि अधिग्रहण के नोटिस जारी कर दिये हैं और स्थानीय प्रशासन के समन्वय में मुआवजे व रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से चल रही है। प्रभावित जमीन के मालिकों को वैध मुआवजा, विकल्प और पुनर्वास सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रक्रियाएँ अपनाने की आवश्यकता होगी।
परियोजना के संभावित लाभ
- बेहतर कनेक्टिविटी: ग्रामीण इलाकों का बड़े शहरों और बाजारों से तेज़ कनेक्शन।
- आर्थिक वृद्धि: माल-ढुलाई और स्थानीय व्यापार में सुधार।
- रोजगार सृजन: निर्माण और बाद में सर्विस सेक्टर में नौकरियाँ बढ़ना।
- कृषि बाज़ार तक पहुँच: किसानों के लिए उत्पाद बड़े बाज़ार तक पहुँचने में आसान होगा।
मुख्य चुनौतियाँ
समय-सीमा, मुआवजा विवाद, पर्यावरणीय प्रभाव और लोक विरोध जैसी चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं।
- मुआवजे का पारदर्शी और समय पर भुगतान।
- प्रभावित समुदायों के साथ संवाद।
- पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन और समाधान।
- स्थानीय व्यवसायों के लिए सहायता योजनाएँ।
अगले कदम
भूमि पंजीकरण और मुआवजा वितरण के बाद टेंडर जारी होंगे तथा चरणबद्ध निर्माण कार्य आरंभ होगा।
नोट: परियोजना की सफलता स्थानीय लोगों की भागीदारी और पारदर्शिता पर निर्भर करेगी।
Gorakhpur News - गोला तहसील के 47 गांवों से होकर गुजरेगी 81.17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन। रेलवे ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस परियोजना में 11 बड़े और 47 छोटे पुल, तथा 12 स्टेशन Gorakhpur News गोला तहसील के 47 गांवों से होकर गुजरेगी 81.17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन गोरखपुर। क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। रेलवे ने गोला तहसील से होकर गुजरने वाली 81.17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस परियोजना के पूरा होने से हजारों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और आवागमन की सुविधा काफी आसान हो जाएगी। जानकारी के अनुसार, यह रेल लाइन गोला तहसील के 47 गांवों से होकर गुजरेगी। परियोजना के तहत 11 बड़े और 47 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इसके अलावा 12 नए स्टेशन भी प्रस्तावित हैं, जिससे ग्रामीण अंचल के यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस नई रेल लाइन से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास को गति मिलेगी। वहीं किसानों के लिए अपनी उपज को बड़े बाज़ार तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। रेलवे विभाग ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। परियोजना का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में पूरा करने का है। sahjanva Dohari Ghat nai rail line ke liye Bhumi adhigrahan prakriya shuru सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे की एक बड़ी परियोजना सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन को लेकर काम तेज हो गया है। रेलवे ने इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, यह नई रेल लाइन लगभग 81.17 किलोमीटर लंबी होगी और इसमें 11 बड़े पुल, 47 छोटे पुल तथा 12 स्टेशन शामिल होंगे। यह लाइन गोला तहसील के 47 गांवों से होकर गुजरेगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के बाद निर्माण कार्य को गति दी जाएगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी बल्कि शिक्षा, रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी खुलेंगे। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि रेल लाइन शुरू होने से यात्रियों के आवागमन में सहूलियत होगी और किसानों को अपनी उपज बड़े बाजार तक पहुंचाने में आसानी मिलेगी। सहजनवां — दोहरीघाट नई रेल लाइन : भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू — विस्तृत रिपोर्ट संक्षेप (Lead): रेलवे ने सहजनवां-दोहरीघाट नई रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह परियोजना लगभग 81.17 किलोमीटर लंबी है और पूरी लाइन का उद्देश्य स्थानीय कनेक्टिविटी तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना बताया जा रहा है। परियोजना का अवलोकन (Project overview) लंबाई: लगभग 81.17 किमी। स्टेशन: कुल 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं (जिनमें सहजनवां, पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली, बांसगांव, उरुवा बाजार, बनवारपार, गोला बाजार, भरौली, बड़हलगंज और न्यू दोहरीघाट शामिल हैं)। पुल: परियोजना में बताया गया है कि 11 बड़े और 47 छोटे पुल बनेंगे (परियोजना-डिज़ाइन में पुलों की संख्या बताई जा चुकी है)। किस ग्राम/क्षेत्र से गुजरेगी: कुल मिलाकर यह लाइन 112 गांवों से गुजरेगी; इनमें से गोला तहसील के 47 गांव भी शामिल हैं। भूमि (क्षेत्र) और बजट: कुल मिलाकर लगभग 403.29 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का अनुमान और प्रोजेक्ट के लिए लगभग ₹1,320 करोड़ का मान्य बजट बताया गया है। Jagran स्टेशनों की सूची (Proposed stations) सहजनवां पिपरौली खजनी उनवल बैदौली बांसगांव उरुवा बाजार बनवारपार गोला बाजार भरौली बड़हलगंज न्यू दोहरीघाट (सूची स्रोत: स्थानीय समाचार कवरेज)। भूमि अधिग्रहण की वर्तमान स्थिति और चरणबद्ध काम रिपोर्ट्स के अनुसार भूमि अधिग्रहण तीन-चरणों में किया जा रहा/किया जाएगा और कुछ हिस्सों का रजिस्ट्रेशन/पेंट-वर्क पहले ही प्रारम्भ हुआ है। कुछ हिस्सों में पहले से ही भूमि का कब्ज़ा/रजिस्ट्री कराई जा चुकी है जबकि बाकी के लिए 20-A/20-E नोटिस प्रकाशित किए जा चुके हैं। Jagran Live Hindustan प्रशासनिक निगरानी: गोरखपुर कमिश्नर ने भूमि अधिग्रहण की धीमी गति पर नाराज़गी जतायी है और अधिकारियों को प्रगति तेज करने निर्देश दिए हैं — ताकि समयसीमा पर काम पूरा हो सके। Jagran परियोजना के लाभ (Why it matters) बेहतर कनेक्टिविटी: स्थानीय ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों को नजदीकी बड़े बाजारों व रेलवे नेटवर्क से जोड़कर यात्रा-समय घटेगा। आर्थिक बढ़ोतरी: माल-ढुलाई में सुधार, स्थानीय व्यापार और कृषि उत्पादों का बड़े बाजार तक पहुँच आसान होगा। रोजगार: निर्माण काल और उससे जुड़े सर्विस सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अल्टरनेट रूट का लाभ: रेलवे संचालन में फायदेमंद रूट विकल्प बनेंगे (इंजन-रिवर्सल/डिले संबंधित समस्याओं में कमी — परियोजना के टेक्निकल लाभ संभावित)। (ये लाभ सामान्य विकास-परिणाम हैं — स्थानीय प्रभावों का वास्तविक आंकलन तथा लाभ उन क्षेत्रों-पर निर्भर करेंगे जहाँ से लाइन गुज़रती है।) चुनौतियाँ और ध्यान देने योग्य बिंदु भूमि-मुआवजा व पुनर्वास: किसान/भूमि-स्वामियों के मुआवजे का निष्पक्ष और शीघ्र भुगतान आवश्यक है, वरना ज़मीन पर देरी बनी रहेगी। पर्यावरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रभाव: पुलों/आसपास रास्तों और नालों पर असर का पर्यावरणीय/हाइड्रोलॉजीकल अध्ययन जरूरी होगा। समयबद्धता: पहले बताये गए चरणबद्ध लक्ष्यों (कुछ स्रोतों में मार्च 2025/2026/2027 जैसे लक्ष्य रखे गए थे) और वास्तविक प्रगति में अंतर हो सकता है— प्रशासन ने प्रगति रिपोर्ट मांगी है। अगला कदम (What to expect next) भूमि का पंजीकरण (registration) और मुआवजे का निर्गमन। टेंडरिंग और पुल/बेसिक संरचना (earth-filling, पुल निर्माण) के लिए ठेकों का आवंटन। Jagran स्थानीय प्रशासन और रेलवे-टीम द्वारा दो-साप्ताहिक/मासिक प्रगति रिपोर्ट और समस्याओं का निस्तारण। Jagran स्रोत (मुख्य हिन्दी कवरेज — रिसर्च नोट) कवरेज — भूमि अधिग्रहण शुरू और प्रोजेक्ट-संक्षेप। — परियोजना की लंबाई, भूमि क्षेत्र, बजट और गाँवों की संख्या पर विस्तृत रिपोर्ट। — स्थानीय रूट/वर्गीकरण और गोला तहसील से गुजरने की पुष्टि। अतिरिक्त प्रशासनिक नोट्स (कमिश्नर के निर्देश)
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